जप
………
हे कृष्ण
बैठा था मै तुझे ही याद करने के लिए
दूध वाला, सब्जी वाला
याद आया गॉव का हलवाई
मगर तू याद न आया l
शहर की घुटन ,माँ का आँचल
याद आई दादी के आँगन की चटाई
मगर तू याद न आया l
पत्नी से हुई नोक झोक
याद आई बच्चो की पढ़ाई
मगर तू याद न आया l
कुछ जो जिन्दा है
जो चले गए याद आई उनकी परछाई
मगर तू याद न आया l
भूत से पछताया, भविष्य ने डराया
याद आई वर्तमान की कठिनाई
मगर तू याद न आया l
मगर तू याद न आया ll
… मंत्र प्रेम दास
.... ०८/०८/२०१४
………
हे कृष्ण
बैठा था मै तुझे ही याद करने के लिए
दूध वाला, सब्जी वाला
याद आया गॉव का हलवाई
मगर तू याद न आया l
शहर की घुटन ,माँ का आँचल
याद आई दादी के आँगन की चटाई
मगर तू याद न आया l
पत्नी से हुई नोक झोक
याद आई बच्चो की पढ़ाई
मगर तू याद न आया l
कुछ जो जिन्दा है
जो चले गए याद आई उनकी परछाई
मगर तू याद न आया l
भूत से पछताया, भविष्य ने डराया
याद आई वर्तमान की कठिनाई
मगर तू याद न आया l
मगर तू याद न आया ll
… मंत्र प्रेम दास
.... ०८/०८/२०१४