Tuesday, October 19, 2010

इक सीख

इक सीख
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वेसे तो बहुत बार सुनी मैंने
महाभारत की कहानी
बढ़े बूढों के मुहं
दादा दादी की जुबानी
हमेशा इक सीख मिली
कौरव थे सो
पांडव थे पांच
फिर भी सत्य को
न आई आंच
इक और सीख मिली
जब सुनी
महाभारत की कहानी
प्रभुपाद की जुबानी
आत्मा है ऐक
जीवन कई हजार
करले कृष्ण को याद
हो जा
जन्म मृत्यु के पार

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