Tuesday, October 19, 2010

एक पुकार

एक पुकार
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बारम्बार
 एक पुकार ,
मे कौन ?
कहाँ से आया हू?
तू है कृष्णा का अंग, 
तू था उसी के संग ,
तूने किया कोई जब पाप ,
तुझे मिला तभी ये श्राप,
भोगने सजा यहाँ तू आया ,
फिर भी सत्य समझ न पाया,
हुआ मदमस्त मिली जो माया ,
साथ में सवस्थ सुकोमल काया,
कृष्णा को ही गया तू भूल ,
जो है दुनिया का मूल,
अरे ओ मूढ हुई ना देर,
कृष्ण नाम की माला फेर ,
वर्ना जन्मेगा बारम्बार ,
और करेगा यही पुकार ,
मे कौन ?
कहाँ से आया हू??????????????

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